आज से कई सदियों पहले भारत देश सोने की चिडिया कहा जाता था इस बात को हम सभी अच्छे से जानते है।और इसी सोने की चिडिया को अग्रेंजो द्वारा लूट लेना इस बात से भी हम अच्छी तरह से वाकिफ है। ब्रिटिश शासन ने भारत देश को बरबाद तो किया ही, साथ में वो इसका अस्तित्व भी मिटाना चाहते थे।लेकिन हमारे देश के लोगों ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। अपना सब कुछ न्यौछावर करके उन लोगों को भारत देश से खदेड कर ही दम लिया।
26 January - Republic Day Essay in Hindi 2018
गणतंत्र दिवस भारत के इतिहास में अपनी एक अलग ही पहचान रखता है! आज ही के दिन मे भारत राज्य मे संविधान का निर्माण हुआ था! हर प्रदेश, जिला, शहर, गाँव, मोहल्ले मे इस दिन को एक देश भक्ति भरपूर त्योहार की तरह मनाया जाता है! हर आदमी में एक अलग ही और देश भक्ति से भरपूर का नया जोश होता है! इस जोश को खास करके स्कूल के बचों मे देखा जा सकता है! इस दिन स्कूल मे 26 जन्वरी को बड़े उतशाह से मनाया जाता है, अलग अलग कार्यकरम पेश किए जाते है, तिरंगा लहराया जाता है, देश भक्ति के गीत गये जाते हैं! स्कूल के बड़े भाषण और स्पीच बोलते हैं और बचे Republic Day Essay बोलते हैं! तो चलिए आज हम आपको कुच्छ essay सीखते है जिन्हे आप भी अपने स्कूल मे बोल सकते हैं!

15 अगस्त 1947 को भारत देश आजाद कराया गया। भारतीय सेनानियो द्वारा लम्बे संर्घष करने के बाद खुद को लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में घोषित किया। लेकिन इस देश को पूर्ण रूप से सही दिशा में चलाने के लिए एक व्यव्स्था का होना भी जरूरी था ।इसलिए देश के स्वंतत्रता सेनानियों द्वारा एक संविधान का निर्माण किया गया..जिसे 26 जनवरी 1950 में लागू किया गया, और दुनिया में खुद को लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में स्थापित किया.. इस सविंधान का निर्माण डॉ. भीमराव अम्बेड़कर ने किया, जो विश्व का सबसे लम्बा संविधान माना जाता है। इस सविंधान को बनाने में डॉ. अम्बेडकर ने लगभग 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लिया और 26 जनवरी 1950 को हमारे देश की सर्वोच्च शक्ति यानि कि संसद में यह संविधान पारित हुआ। तो इस प्रकार भारत ने स्वंय को संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने के साथ साथ इस दिन 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। यह दिन हमारे भूत,वर्तमान और भविष्य में बसा हुआ है।इस दिन को सदियों तक या फिर यह कहे कि भारत के अस्तितव में रहने तक इस दिन को मनाया जाता रहेगा।
Republic Day Essay in Hindi Part #2
भारत हो चाहे देश विदेश, किसी भी स्थान पर रह रहे भारतीयों के लिए गणतंत्र दिवस का त्यौहार मनाना एक सम्माजनक बात है। इस दिन का सभी लोगों के दिलों में एक अलग ही मत्तव है।
पूरे देश में अपने अपने स्तर गणतंत्र दिवस को मनाने के लिए एक महीने पहले से ही तैयारियां शुरु हो जाती है। इस दिन सभी देश का तिरंगा फहराकर राष्ट्रीयगान गाते है। और देश के तिरंगे को सलामी देते है। साथ ही देश के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए भारत को मां के रूप में पुकारते है...भारत माता की जय...जय हिन्द जय भारत, जैसे नारों से पूरा देश गूंज उठता है ।
Republic Day Essay in Hindi Part #3
इन नारों से और हमारे तिरंगे की शान हमेशा ये याद दिलाती है कि हम स्वंतत्र नागरिक है। और दुनिया में अपना अस्तित्व का होने का अहसास करवाती है। इस दिन के लिए खासकर स्कूलों और कॉलेजो में एक उत्सव आयोजन किया जाता है । इस उत्सव के दौरान बच्चों द्वारा उन वीर स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया जाता है, जिन्होनें ने इस आजादी के लिए अपना खून बहाया था। और उनके द्वारा दिया गया उपदेश को शिक्षा के रूप में बांटा जाता है। किसी जगह पर उन्ही के किरदार का रूप लेकर उनके संघर्ष की छवि को रंगमंच पर प्रस्तुत किया जाता है जिससे लोगों के दिलों में भी राष्ट्र प्रेभ की भावना जागृत हो सके।
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वैसे तो पूरे भारत देश के राज्य की राजधानियों में यह उत्सव खास मनाया जाता है , लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में इस उत्सव का नेशनल स्तर पर खास प्रबन्ध किया जाता है।तड़के सुबह से ही इस महान कार्यक्रम को देखने के लिए लोग राजपथ पर इकट्ठा होने लगते है। इसमें तीनों सेनाए जल सेना, थल सेना, वायू सेना विजय चौक से अपनी परेड को शुरु करती है। जिसमें ये अपने अस्त्र शस्त्र और सुरक्षा की चीजों का प्रदर्शन करते है।और सभी राज्यों में भी यह उत्सव राज्यपाल की मौजूदगी में खूब अच्छे ढंग से मनाया जाता है।
इस कार्यक्रम की शुरूआत राष्ट्रपति झंडा रोहण और राष्ट्रगान से करते है।आर्मी बैडं, एन.सी.सी कैडेट्स और पुलिस बल अपनी अलग अलग धुनों के जरिये अपनी कला का प्रदर्शन करते है और देश को सलामी प्रदान करते है। तीनों सेनाओ के परेड़ के बाद , राज्यों की झाकियो की प्रदर्शनी , पुरस्कार वितरण, मार्च पास्ट आदि क्रियाएं होती है। पयार्वरण की खूबसूरती भी इन झांकियों द्वारा प्रदर्शित की जाती है।
भिन्न - भिन्न राज्यों से कलाओं और सस्कृतियों का नाच गान प्रस्तुति से प्रदर्शन किया जाता है। देश के प्रधान मंत्री और कई कैबिनेट मंत्री भी इस समारोह में शामिल होते है।इडिंया गेट पर प्रधानमंत्री और तीनो सेनाओं के प्रमुख कभी ना बुझने वाली अमर ज्योति को नमन करने वहां पहुंचते है। अमर ज्योती के लिए बैंड बाजे और तोपों के साथ सलामी ली जाती है।
कार्यक्रम के दौरान देश के लोगों में जोश भरने के लिए , देश के कई होनहार काम करने वाले लोगों को पुरस्कार से नवाजा जाता है और साथ ही कुछ धन राशि भी प्रदान की जाती है। इनमें देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले तीनों सेनाओ के शहीदों को वीर , परमवीर आदि कई चक्रों से नवाजा जाता है। इन पुरुस्कारो के बांटने से समाज में कुछ कर दिखाने की शिक्षा भी प्राप्त होती है। देश में शिक्षा को बढावा देने के लिए भी अच्छे नम्बर हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं को भी पुरुस्कार से सम्मानित किया जाता है।
इस समारोह के अन्तिम पड़ाव में तीन रंगों ( केसरिया,सफेद, हरा ) जो हमारे तिरंगे में होते है , के फूलों से वायू सेना द्वारा बरसात की जाती है जो आकाश में राष्ट्रीय झंडे का चिन्ह प्रदर्शित करता है। इससे पूरे राष्ट्र में शान्ति अमन और चैन की कामना की जाती है।
जय हिन्द, जय भारत